दुधवा नेशनल पार्क में एचएनजी गुजरात विश्वविधालय पाटन एवं स्मीथसोनियन इंस्टीटयूशन अमेरिका द्वारा दुधवा टाइगर रिजर्व के सहयोग से नेशनल टे्रनिंग प्रोग्राम फार यंग यूकोलोजिस्ट कार्यशाला को क्लासरूम अध्ययन कराने के साथ ही फील्ड यानी जंगल के भीतर ले जाकर उनको तमाम प्रकार की जानकारियां विशेषज्ञों द्वारा दी गइ।
दुधवा नेशनल पार्क पर्यटन स्थल दुधवा में आयोजित सात दिनी इस कार्यशाला में पूरे भारत से चुने हुए बीस युवा यूकोलोजिस्ट प्रशिक्षण ले रहे हैं। कार्यशाला में दुधवा टाइगर रिजर्व वृत्त लखीमपुर के फील्ड डायरेक्टर शैलेष प्रसाद ने दुधवा की जैव विविधता पर विस्तार से प्रकाश डालकर दुधवा के वयंजीव प्रबंधन की बारीकी से जानकारियां दी। कोर्स के कोर्डिनेटर डा0 नितीश धूरिया ने वन प्रबंधन को बताते हुए उसका प्रोजेक्ट तैयार किए जाने तथा आवश्यक फंड आदि की विस्तार से जानकारी। जबकि मित्र राष्ट्र नेपाल से आए नेचर कंजरवेशन ट्रस्ट के वयंजीव विशेषज्ञ एल बाबूराम ने बाघ सहित अयं मांसाहारी तथा वनस्पति आहारी वयंजीवों की गणना के विषय में पूरी जानकारी दी साथ ही डिस्टेंस सैम्पलिंग विधि भी विस्तार से बतायी। यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क दिल्ली विश्वविधालय के वयंजीव विशेषज्ञ डा0 फैयाज खुदसर ने वनक्षेत्र में पायी जाने वाली वनस्पतियों के अध्ययन एवं उनकी वयंजीवों के लिए उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की। क्लास रूम के बाद सभी प्रशिक्षार्णियों को जंगल भ्रमण कराया गया। इसमें चार ग्रुप बनाकर दुधवा के वफर जोन क्षेत्र में वैज्ञानिक तकनीकी से वनस्पतियों के अध्ययन के तरीके को बताया गया साथ ही डिस्टेंस सैम्पलिंग कैसे की जाए यह भी उनको जानकारी दी गर्इ। इससे पूर्व दुधवा टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक गणेश भटट ने दुधवा की भौगोलिक सिथति एवं यहां पर पाए जाने वाले वयंजीवों तथा वनस्पतियों के सम्बन्ध में बताया। यह कार्यशाला पन्द्रह अक्टूबर तक चलेगी।
दुधवा नेशनल पार्क में नेशनल टे्रनिंग प्रोग्राम फार यंग इकोलाजिस्ट की चल रही सात दिनी टे्रनिंग के दौरान चौथे दिन वयं प्राणी विशेषज्ञों ने प्रशिक्षणर्थियों को रिमोट सेसिंग एवं जीआर्इएस की मदद से मांसाहारी वयंजीवों की मानीटरिंग के विषय में जानकारी दी गर्इ साथ ही शाकाहारी वयंजीवों की गणना विधि को भी बताया गया। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों को व्हीकल ट्रांजेक्ट कार्यक्रम में दुधवा के वफर जोन जंगल का भ्रमण कराकर उनको वयंजीवों से संबंधित बारीकियां समझायी गर्इ।
दुधवा नेशनल पार्क में दुधवा पर्यटन स्थल के मीटिंग हाल में पूरे देश से चुने गए बीस युवा इकोलोजिस्ट को कंडक्टींग इफेकिटव रिसर्च आन लार्ज कार निमोर इकोलाजी एवं हैवीवेट के संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके तहत चौथे दिन मुम्बर्इ विश्वविधालय की प्रोफेसर श्रुति वरूवे ने लैडस्केप इकोला जी के विषय में तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां विस्तार से दी। नेपाल से आए नेचर कंजरवेशन ट्रस्ट आफ नेपाल के वयंजीव विशेषज्ञ एल बाबूराम ने प्रतिभगियों को रिमोट सेसिंग एवं जीआर्इएस की मदद से मांसाहारी वयंजीवों की मानीटरिंग के विषय में बताया साथ ही उन्होंने गैंडा के संबंध में पूरी जानकारी दी। डा0 निशीप धारिया ने मांसाहारी वयंजीवों के चिन्हों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इन चिन्हों के माध्यम से इनकी संख्या का निर्धारण कैसे किया जा सकता है। इस मध्य प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया।
प्रशिक्षण में व्हीकल ट्रांजेक्ट के अन्र्तगत सभी प्रतिभागियों को दुधवा के वफर जोन जंगल सहित गैंडा इकार्इ का भी भ्रमण कराया गया। इस दौरान वयंजीव विशेषज्ञों ने शाकाहारी वयंजीवों की गणना कैसे की जाए इसका प्रशिक्षण भी दिया गया।