-देवेन्द्र प्रकाश मिश्र
प्रकृति की अनमोल धरोहर समेटे है दुधवा
नेशनल पार्क
दुधवा -जनपद-लखीमपुर-खीरी
राज्य-उत्तर प्रदेश
भारत
स्थापना- 1 फ़रवरी १९७७
राज्य-उत्तर प्रदेश
भारत
स्थापना- 1 फ़रवरी १९७७
क्षेत्रफ़ल- 884 वर्ग किलोमीटर
भौगोलिक स्थित- देशान्तर-अक्षांश-
80º28' E and 80º57' E (Dudhwa)80º E to 80º50' E(Kishanpur)
28º18' N and 28º42' N (Dudhwa)
28º N to 28º42' N (Kishanpur)
समुन्द्र तल से ऊँचाई- 150-182 मीटर
दुधवा नेशनल पार्क की दूरी दिल्ली से पूर्व दिशा में
लगभग 430 कि०मी०, एंव लखनऊ से उत्तर पश्चिम की तरफ़ 230 कि०मी० है।
दिल्ली से दुधवा आने के लिए गाजियाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहाँपुर, खुटार, मैलानी,
गोला होते हुए पलिया पहुँचा जा सकता है, जहाँ से दुधवा मात्र 10 कि०मी० की दूरी पर स्थित है।
लखनऊ से दुधवा आने के लिए सिधौली, सीतापुर, हरगांव, लखीमपुर, भीरा, से पलिया होते हुए दुधवा
नेशनल पार्क पहुंच सकते हैं।
वर्षा- 1500 mm (औसत)
जंगल- मुख्यता साल (शाखू) वन
वन्य जीव- खासतौर से यह जंगल पर्यटकों व शोधार्थियों को हिरनों की पाँच प्रजातियों- चीतल, साभर,
काकड़, बारहसिंहा, बाघ, तेन्दुआ, भालू, स्याही, फ़्लाइंग स्क्वैरल, हिस्पिड हेयर, बंगाल फ़्लोरिकन,
हाथी, गैन्गेटिक डाल्फ़िन, मगरमच्छ, लगभग 400 पक्षी प्रजातियां एंव रेप्टाइल्स (सरीसृप),
एम्फ़ीबियन, तितिलियों के अतिरिक्त दुधवा के जंगल तमाम अज्ञात व अनदेखी प्रजातियों का घर है।
वनस्पति- साल, असना, बहेड़ा, जामुन, खैर के अतिरिक्त कई प्रकार के वृक्ष इस वन में मौजूद हैं।
विभिन्न प्रकार की झाड़ियां, घासें, लतिकायें, औषधीय वनस्पतियां व सुन्दर पुष्पों वाली वनस्पतियों का
बसेरा है दुधवा नेशनल पार्क।
थारू हट- पर्यटकों के रूकने के लिए दुधवा में आधुनिक शैली में थारू हट उपलब्ध हैं। रेस्ट हाउस-
प्राचीन इण्डों-ब्रिटिश शैली की इमारते पर्यटकों को इस घने जंगल में आवास प्रदान करती है, जहाँ प्रकृति
दर्शन का रोमांच दोगुना हो जाता हैं।
मचान- दुधवा के वनों में ब्रिटिश राज से लेकर आजाद भारत में बनवायें गये लकड़ी के मचान कौतूहल व
रोमांच उत्पन्न करते हैं।
थारू संस्कृति- कभी राजस्थान से पलायन कर दुधवा के जंगलों में रहा यह समुदाय राजस्थानी संस्क्रुति
की झलक प्रस्तुत करता है, इनके आभूषण, नृत्य, त्योहार व पारंपरिक ज्ञान अदभुत हैं, राणा प्रताप के
वंशज बताने वाले इस समुदाय का इण्डों-नेपाल बार्डर पर बसने के कारण इनके संबध नेपाली समुदायों से
हुए, नतीजतन अब इनमें भारत-नेपाल की मिली-जुली संस्कृति, भाषा व शारीरिक सरंचना हैं।
"प्रदेश का एकमात्र विश्व प्रसिद्ध दुधवा नेशनल पार्क है, मोहाना व सुहेली नदियों के मध्य स्थित यह वन
प्राकृतिक रूप से रह-रहे पशु-पक्षियों एवं पेड़-पौधों की जैव-विविधता प्रकृति की अनमोल धरोहर को
अपने आगोश में समेटे है । दुधवा नेशनल पार्क एवं किशनपुर पशु विहार को 1987-88 में भारत
सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर परियोजना में शामिल करने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है । भारत के
राष्ट्रीय पार्को में चल रहे प्रोजेक्ट टाइगर में दुधवा का नाम दूसरे स्थान पर पहुंच गया है । यहां पल रही
विश्व की अनूठी गैंडा पुनर्वास परियोजना के 27 सदस्यीय गैंडा परिवार के स्वछंद घूमते सदस्य पर्यटकों
के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बने रहते हैं । इसीलिए हर साल बड़ी तादाद में सैलानी और वन्य-जीव
विशेषज्ञ यहां आते हैं ।
करीब 884 वर्ग किमी दुधवा टाइगर रिजर्व के
जंगल में किशनपुर पशु विहार 204 वर्ग
किमी एवं 680 वर्ग, किमी दुधवा नेशनल
पार्क का क्षेत्रफल शामिल है ।
मौसम- नवंबर से फरवरी तक यहां का
अधिकतम तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस,
न्यूनतम 4 से 8 डिग्री सेल्सियस रहने से प्रात:
कोहरा और रातें ठंडी होती हैं । मार्च से मई तक
तापमान अधिकतम 30 से 35 डिग्री सेल्सियस
और न्यूनतम 20 से 25 डिग्री सेल्सियस मौसम
सुहावना रहता है । जून से अक्टूबर में अधिकतम
तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20 से 25 डिग्री सेल्सियस रहने से भारी वर्षा और
जलवायु नम रहती है ।
कैसे पहुंचे : दुधवा नेशनल पार्क के समीपस्थ रेलवे स्टेशन दुधवा, पलिया और मैलानी है । यहां आने के
लिए दिल्ली, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर तक ट्रेन द्वारा और इसके बाद 107 किमी सड़क यात्रा करनी
पड़ती है, जबकि लखनऊ से भी पलिया-दुधवा के लिए ट्रेन मार्ग है । सड़क मार्ग से दिल्ली-मुराबाद-
बरेली-पीलीभत अथवा शाहजहांपुर, खुटार, मैलानी, भीरा, पलिया होकर दुधवा पहुंचा जा सकता है ।
लखीमपुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, बरेली, दिल्ली आदि से पलिया के लिए रोडवेज की बसें एवं
पलिया से दुधवा के लिए निजी बस सेवा उपलब्ध हैं । लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, गोला, मैलानी, से
पलिया होकर दुधवा पहुंचा जा सकता है ।
ठहरने की सुविधा : दुधवा वन विश्राम भवन का आरक्षण मुख्य वन संरक्षक-वन्य-जीव- लखनऊ से
होता है, थारूहट दुधवा, वन विश्राम भवन बनकट, किशनपुर, सोनारीपुर, बेलरायां, सलूकापुर का
आरक्षण स्थानीय मुख्यालय से होगा । सठियाना वन विश्राम भवन से आरक्षण फील्ड डायरेक्टर
लखीमपुर कार्यालय से कराया जा सकता है ।
दुधवा नेशनल पार्क में फीस एवं किराया
प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 3 दिन 50 रू०
विदेशी 150 रू०
रोड फीस हल्की गाड़ी 150 रू०
मिनी बस 300 रू०
कैमरा फीस मूवी एवं वीडियो 2500 रू०
विदेशी 5000 रू०
फीचर फिल्म प्रतिदिन 2000 रू०
विदेशी 20,000 रू०
डाक्युमेंट्री फिल्म प्रतिदिन 25,000 रू०
विदेशी 5000 रू०
उपरोक्त के लिए सुरक्षा फी स
फीचर फिल्म 2500 रू०
विदेशी 4000 रू०
डाक्युमेंट्री फिल्म 1500 रू०
विदेशी 4000 रू०
हाथी की सवारी
चार व्यक्ति प्रति चक्कर 2 घंटा 300 रू०
विदेशी 900 रू०
मिनी बस 15 सीटर प्रति किमी 30 रू०
विदेशी 90 रू०
दुधवा नेशनल पार्क 15 नवम्बर को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता है, और बारिश की शुरूवात
में ही 15 जून से पार्क में पर्यटन बंद कर दिया जाता है।
दुधवा नेशनल पार्क के खुलने की तिथि 15 नवंबर ज्यों-ज्यों नजदीक आती जा रही है, त्यो-त्यों पर्यटकों
के स्वागत व भ्रमण के लिए की जाने वाली तैयारियों को यहां अंतिम रूप देने का कार्य पूरा किया जाता है
। अन्य प्रमुख महानगरों से दुधवा को यातायात के साधनों की समुचित व्यवस्था, देशी -विदेशी पर्यटको
को जमावाड़ा दुधवा में लगता है ।
मानसून सत्र शुरू होने पर 15 जून से पर्यटकों के लिए बंद किया गया दुधवा नेशनल पार्क 15 नवंबर से
पर्यटकों के भ्रमण के लिए खुलता है। अब आने वाले पर्यटकों के लिए दुधवा पर्यटन स्थल में नए स्वागत
कक्ष का निर्माण कराया गया है, तथा आटोडोरियम का निर्माण भी लगभग हो गया है । पर्यटकों की
सुविधा के लिए 15 केवीए का जनरेटर लगाने के साथ ही पर्यटन सोलर स्ट्रीट लाइटें भी लगा दी गई हैं ।
सठियाना, दक्षिण सोनारीपुर, किशनपुर, बनकटी, बेलरायां आदि गेस्ट हाउसों में सोलर पावर प्लांट
लगाए गए हैं । इससे पर्यटयकों को बिजली व पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा ।
बताया कि दुधवा में गैंडा, बाघ, बारहसिंघा, तेंदुआ, चीतल आदि वन्ययजीव समेत अन्य तमाम
प्रजातियों के साइबेरियन पक्षियों के झुंड और विलुप्त प्राय बंगाल फ्लोरिकन देखे जा सकते हैं ।
पलिया कस्बे में निर्मित हवाई पट्टी यदि शुरू हो जाए और देश व प्रदेश के महानगरों से
आवागमन की समुचित व्यवस्था हो जाए तो दुधवा में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा
हो सकता है ।
अधिकतम तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस,
न्यूनतम 4 से 8 डिग्री सेल्सियस रहने से प्रात:
कोहरा और रातें ठंडी होती हैं । मार्च से मई तक
तापमान अधिकतम 30 से 35 डिग्री सेल्सियस
और न्यूनतम 20 से 25 डिग्री सेल्सियस मौसम
सुहावना रहता है । जून से अक्टूबर में अधिकतम
तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20 से 25 डिग्री सेल्सियस रहने से भारी वर्षा और
जलवायु नम रहती है ।
कैसे पहुंचे : दुधवा नेशनल पार्क के समीपस्थ रेलवे स्टेशन दुधवा, पलिया और मैलानी है । यहां आने के
लिए दिल्ली, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर तक ट्रेन द्वारा और इसके बाद 107 किमी सड़क यात्रा करनी
पड़ती है, जबकि लखनऊ से भी पलिया-दुधवा के लिए ट्रेन मार्ग है । सड़क मार्ग से दिल्ली-मुराबाद-
बरेली-पीलीभत अथवा शाहजहांपुर, खुटार, मैलानी, भीरा, पलिया होकर दुधवा पहुंचा जा सकता है ।
लखीमपुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, बरेली, दिल्ली आदि से पलिया के लिए रोडवेज की बसें एवं
पलिया से दुधवा के लिए निजी बस सेवा उपलब्ध हैं । लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, गोला, मैलानी, से
पलिया होकर दुधवा पहुंचा जा सकता है ।
ठहरने की सुविधा : दुधवा वन विश्राम भवन का आरक्षण मुख्य वन संरक्षक-वन्य-जीव- लखनऊ से
होता है, थारूहट दुधवा, वन विश्राम भवन बनकट, किशनपुर, सोनारीपुर, बेलरायां, सलूकापुर का
आरक्षण स्थानीय मुख्यालय से होगा । सठियाना वन विश्राम भवन से आरक्षण फील्ड डायरेक्टर
लखीमपुर कार्यालय से कराया जा सकता है ।
दुधवा रेस्टहाउस |
दुधवा नेशनल पार्क में फीस एवं किराया
प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 3 दिन 50 रू०
विदेशी 150 रू०
रोड फीस हल्की गाड़ी 150 रू०
मिनी बस 300 रू०
कैमरा फीस मूवी एवं वीडियो 2500 रू०
विदेशी 5000 रू०
फीचर फिल्म प्रतिदिन 2000 रू०
विदेशी 20,000 रू०
डाक्युमेंट्री फिल्म प्रतिदिन 25,000 रू०
विदेशी 5000 रू०
उपरोक्त के लिए सुरक्षा फी स
फीचर फिल्म 2500 रू०
विदेशी 4000 रू०
डाक्युमेंट्री फिल्म 1500 रू०
विदेशी 4000 रू०
हाथी की सवारी
चार व्यक्ति प्रति चक्कर 2 घंटा 300 रू०
विदेशी 900 रू०
मिनी बस 15 सीटर प्रति किमी 30 रू०
विदेशी 90 रू०
दुधवा नेशनल पार्क 15 नवम्बर को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता है, और बारिश की शुरूवात
में ही 15 जून से पार्क में पर्यटन बंद कर दिया जाता है।
दुधवा नेशनल पार्क के खुलने की तिथि 15 नवंबर ज्यों-ज्यों नजदीक आती जा रही है, त्यो-त्यों पर्यटकों
के स्वागत व भ्रमण के लिए की जाने वाली तैयारियों को यहां अंतिम रूप देने का कार्य पूरा किया जाता है
। अन्य प्रमुख महानगरों से दुधवा को यातायात के साधनों की समुचित व्यवस्था, देशी -विदेशी पर्यटको
को जमावाड़ा दुधवा में लगता है ।
मानसून सत्र शुरू होने पर 15 जून से पर्यटकों के लिए बंद किया गया दुधवा नेशनल पार्क 15 नवंबर से
पर्यटकों के भ्रमण के लिए खुलता है। अब आने वाले पर्यटकों के लिए दुधवा पर्यटन स्थल में नए स्वागत
कक्ष का निर्माण कराया गया है, तथा आटोडोरियम का निर्माण भी लगभग हो गया है । पर्यटकों की
सुविधा के लिए 15 केवीए का जनरेटर लगाने के साथ ही पर्यटन सोलर स्ट्रीट लाइटें भी लगा दी गई हैं ।
सठियाना, दक्षिण सोनारीपुर, किशनपुर, बनकटी, बेलरायां आदि गेस्ट हाउसों में सोलर पावर प्लांट
लगाए गए हैं । इससे पर्यटयकों को बिजली व पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा ।
बताया कि दुधवा में गैंडा, बाघ, बारहसिंघा, तेंदुआ, चीतल आदि वन्ययजीव समेत अन्य तमाम
प्रजातियों के साइबेरियन पक्षियों के झुंड और विलुप्त प्राय बंगाल फ्लोरिकन देखे जा सकते हैं ।
पलिया कस्बे में निर्मित हवाई पट्टी यदि शुरू हो जाए और देश व प्रदेश के महानगरों से
आवागमन की समुचित व्यवस्था हो जाए तो दुधवा में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा
हो सकता है ।
पर्यटकों को आटोडोरियम से मिलेगी तमाम जानकारियां-
सूबे के एकमात्र दुधवा नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों को जागरूक करने के लिए इस साल
नवनिर्मित आटोडोरियम शुरू होगा, इसमें विलुप्त हो रही वन्यजीवों से संबंधित तमाम जानकारियां होगी
तथा वन एवं वन्यजीव का परिचय देकर पर्यटकों को इनके संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाएगा । 11
सदस्यीय हाथी दल पर्यटकों को जंगल की शैर कराएगा ।
ट्री-हट |
छह साल से उद्घाटन के इंतजार में है, ट्री
हाउस-
ट्री हाउस
दुधवा टाइगर रिजर्व के तत्कालीन
उपनिदेशक पीपी सिंह ने पर्यटकों के लिए
लगभग छ:ह साल पूर्व दुधवा के जंगल में यह
ट्री हाउस का निर्माण कराया था । यह ट्री हाउस
विशालकाय साखू पेड़ो के सहारे लगभग पचास
फुट ऊपर
बनाया गया है । डबल बेडरूम वाले इस ट्री
हाउस को सभी आवश्यक सुविधाओं से
सुसज्जित किया गया है । लगभग चार लाख
रूपए की लागत से बना हुआ शानदार ट्री हाउस
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बिंदु बना हुआ है । जानकारी होने पर पर्यटक इसे देखे बिना चैन नहीं
पाते हैं.
दू धवा नेशनल पार्क की आवास सुविधा-
दुधवा वन विश्राम भवन 400 रू० 200 रू०
विदेशियों के लिए- 1200 रू० 600 रू०
थारूहट दुधवा - 150 रू०
विदेशियों के लिए - 450 रू०
विश्राम भवन बनकटी- 100 रू०
विदेशियों के लिए- 300 रू०
विश्रामभवन किशनपुर- 150 रू०
विदेशियों के लिए- 450 रू०
डारमेट्री प्रति व्यक्ति - 50 रू०
विदेशियों के लिए- 150 रू०
छात्रों के लिए- 30 रू०
विदेशी छात्र- 90 रू०
4 टिप्पणियां:
बहुत अच्छी काम की जानकारी दी है ...
बहुत विस्तृत जानकारी दी है आपने ।
कभी प्रयास करेंगे दुधवा जाने का ।
आभार ।
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