शुक्रवार, 12 नवंबर 2010

दुधवा में पर्यटन हुआ महंगा

देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए मंहगा हुआ दुधवा नेशनल पार्क उत्तर प्रदेश के एकमात्र विश्व विख्यात दुधवा नेशनल पार्क का भ्रमण करना अब देशी- विदेशी पर्यटकों के लिए खासा मंहगा हो गया है। दो से तीन गुना तक हुई बढ़ोत्तरी की दरें इस साल 15 नवम्बर से शुरू हो रहे नवीन पर्यटन सत्र से लागू होगी। सन् 2003 के बाद यह वृद्धि की गई है। जिससे दुधवा नेशनल पार्क के पर्यटन व्यवसाय पर बिपरीत प्रभाव पड़ सकता है इस संभावना से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि यूपी का इकलौता विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित दुधवा नेशनल पार्क प्रकृति की अनमोल धरोहर के साथ विलुप्तप्राय वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियों को अपने आगोश में समेटे है। इसमें शेड्यूल वन की श्रेणी में चिन्हित बाघ एवं तेंदुआ के साथ ही हाथियों के झुण्ड को स्वच्छंद रूप से विचरण करता हुआ देखा जा सकता है। जबकि देश में आसाम के बाद दुधवा ही ऐसा नेशनल पार्क है जिसमें तीस सदस्यीय गैण्डा परिवार रहता है। इनके संरक्षण और संवर्द्धन के लिए दुधवा पार्क में जहां ’गैण्डा पुनर्वास परियोजना’ चल रही है। वहीं बाघों की सुरक्षा एवं संरक्षण का दायित्व ’प्रोजेक्ट टाइगर’ संभाले है।
दुधवा नेशनल पार्क के वन क्षेत्र में वृक्षों की 75 प्रजातियां 21 प्रकार की झाड़ियां, 17 तरह की बेल व लताएं तथा 77 प्रकार की घासों समेत 179 प्रकार की पानी में उगने वाले पौधे चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें से 24 प्रजातियां संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा चिड़ियों की 411, टेपटाइल की 25, एम्फीबियन की 15 तथा स्तनपाई जीवों की 51 प्रजातियां पाई जाती हैं। जबकि यूरोप, साइबेरिया आदि बर्फीले क्षेत्रों के विदेशी प्रवासी पक्षी भी शीतकाल के दौरान दुधवा पार्क के तालाबों एवं झीलों में देखे जा सकते हैं। इसमें यहां पाए जाने वाले बंगाल śलोरिकन एवं लेसर śलोरिकन नाम के दुर्लभ पक्षी भी दुधवा पार्क की पहचान बन चुके हैं। प्राकृतिक वैराव से परिपूर्ण दुधवा नेशनल पार्क के मनोहरी दृश्य देखने के साथ ही पशु-पक्षियों को कलरव को सुनकर पर्यटकों के लिए रोमांचकारी होता है। लेकिन अब प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण नयना भिराम नजारों सहित दुर्लभ प्रजाति के वयंजीवों को स्वच्छंद विचरण करता हुआ देखने के लिए भ्रमण हेतु आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को दुधवा दर्शन काफी महंगा साबित होगा। वह भी इसीलिए क्योंकि 15 नवम्बर से शुरू हो रहे पर्यटन सत्र से शासन द्वारा की गई मूल्य वृद्धि के अनुसार ही रेस्ट हाउस, थारूहट आदि का आरक्षण किया जाएगा। सन् 2003 से चल रही दरों में सात साल बाद दो से तीन गुना की वृद्धि की गई है।
उल्लेखनीय है कि प्रवेश शुल्क में हुई वृद्धि के अनुसार प्रति व्यक्ति तीन दिन के लिए पहले पचास रूपया था अब एक सौ रूपए हो गया है। पूर्व में बच्चों का प्रवेश निःशुल्क था अब देशी पर्यटक बच्चे का शुल्क 60 रूपए और विदेशी को सात सौ रूपए देने होगें। इसी प्रकार गाड़ियों के प्रवेश शुल्क में भी वृद्धि की गई है। जबकि हाथी सवारी के लिए चार व्यक्ति दो घंटा हेतु 300 रूपए देते थे अब प्रति व्यक्ति को 150 रूपए देने होंगे। दुधवा नेशनल पार्क में ठहरना भी महंगा हो गया है। इसमें वन विश्राम भवन दुधवा का कक्ष चार सौ रूपए में आरक्षित होता था अब हुई वृद्धि में भवन की श्रेणी निर्धारित की गई है। उसके अनुसार पर्यटक को भुगतान करना होगा। थारूहट 150 रूपए के बजाय अब चार सौ से पांच सौ रूपए में आरक्षित किए जायेंगे। इसी प्रकार डारमेटŞी में भी पचास रूपए से बढ़ाकर 75 रूपए प्रति व्यक्ति किया गया है। जबकि पूर्व में बनकटी वन विश्राम भवन आदि एक सौ रूपए में बुक होते थे अब तीन सौ रूपए प्रतिदिन का लिया जाएगा। किशनपुर वन विश्राम भवन अब 150 रूपए के बजाय 500 रूपए में आरक्षित होगा। दुधवा में फीचर फिल्म तथा डाक्युमेंट्री बनाने के शुल्क में भी भारी वृद्धि की गई है। पूर्व की नागिनल दर यानी फीचर फिल्म 2500 रूपए एवं डाक्युमेंट्री फिल्म 1500 था तब दुधवा में कोई निर्माता दिलचस्पी नहीं लेता था अब चार गुना वृद्धि के साथ फीचर फिल्म का एक लाख रूपए एवं डाक्युमेंट्री फिल्म का 6 हजार रूपए लिया जाएगा। इस पर भी निर्माता को सुरक्षा शुल्क अलग से देना होगा। दुधवा में भ्रमण महंगा होने से अब आम पर्यटक इससे और दूर हो जाएगा जिससे पर्यटन व्यवसाय से होने वाली आय पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है।
दुधवा नेशनल पार्क में 15 नवम्बर से आवास सुविधा
पर लागू होने वाली नई दरें-

विवरण                                              देशी              विदेशीदुधवा वन विश्राम भवन-
वातानुकूलित कक्ष संख्या एक       1000 रुपए 3000 रुपए
विश्राम भवन कक्ष संख्या दो           750 रुपए 2250 रुपए
विश्राम भवन कक्ष संख्या 3,4,5      400 रुपए 1200 रुपए

थारूहट एक व दो                            500 रुपए 1500 रुपए
थारूहट तीन से चौदह                      400 रुपए 1000 रुपए

डारमेट्री प्रति व्यक्ति                            75 रुपए 225 रुपए

सोठियाना वन विश्राम भवन           400 रुपए 1200 रुपए
लाग हट                                            200 रुपए 600 रुपए

सोनारीपुर वन विश्राम भवन प्रथम तल 400 रुपए 1200 रुपए
द्वितीय तल                                         300 रुपए 900 रुपए

वनकटी वन विश्राम भवन                  300 रुपए 900 रुपए

किशनपुर वन विश्राम भवन              500 रुपए 1500 रुपए
सलूकापुर, मसानखंभ, वेलरायां,
किला, बेलापरसुआ, वन विश्राम
भवन                                                  300 रुपए 900 रुपए


दुधवा नेशनल पार्क में फीस एवं किराया 15 नवम्बर से लागू नई दरें-

दुधवा नेशनल पार्क में-
प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति तीन दिन 100 रुपए
विदेशी 800 रुपए
वच्चा 60 रुपए
विदेशी 700 रुपए
अतिरिक्त दिन 40 रुपए
विदशी 350 रुपए

किशनपुर वन्यजीव विहार में-
प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति तीन दिन 50 रुपए
विदेशी 600 रुपए
वच्चा 30 रुपए
विदेशी 350 रुपए
अतिरिक्त दिन 40 रुपए
विदशी 350 रुपए

दुपहिया वाहन   20 रुपए
कार, जीप         100 रुपए
पर्यटक बस       200 रुपए

रोड फीस हल्की गाड़ी 300 रुपए
मिनी बस                     800 रुपए
भारी गाड़ी                   1600 रुपए

कैमरा फीस पर्यटकों के लिए निःशुल्क
कैमरा फीस मूवी एवं वीडीयो 5000 रुपए
विदेशी                                     10000 रुपए

फीचर फिल्म प्रतिदिन 100000 रुपए
विदेशी                            150000 रुपए

डाक्युमेंट्री फिल्म प्रतिदिन 6000 रुपए
विदेशी                               12000 रुपए

उपरोक्त के लिए सुरक्षा फीस-
फीचर फिल्म 100000 रुपए
विदेशी             150000 रुपए

डाक्युमेंट्री फिल्म 25000 रुपए
विदेशी                    25000 रुपए

हाथी सवारी दो घंटा प्रति व्यक्ति 150 रुपए
विदेशी                                          300 रुपए

मिनी बस 10 सीटर प्रति किमी 45 रुपए
विदेशी 90 रुपए

जीप 6 सीटर प्रति किमी 40 रुपए
विदेशी 80 रुपए

कोई टिप्पणी नहीं: