गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

लुप्तप्रय तेंदुआ की खाल एंव हड्डिया बरामद


खीरी  ka सम्पूर्णानगर थाना पुलिस ने गुलदार की एक खाल बरामद करके चार अभियुक्तियों को गिरफतार किया है। इस तेंदुआ का शिकार साउथ-खीरी वन प्रभाग के भीरा परिक्षेत्र के जंगल में किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार सम्पूर्णानगर थाना पुलिस ने भारत-नेपाल सीमावर्ती ग्राम मिर्चिया के आगे नेपाल जाते समय चार अभियुक्तों को गिरफतार किया है। इनके पास से लुप्तप्रय वंयजीवों की सूची में प्रथम पायदान पर चिन्हित गुलदार यानी तेंदुआ की एक खाल एवं उसकी हड्डिया बरामद की हैं। गिरफतार अभियुक्तों के नाम अल्लूराम पुत्र रंगीलाल, मूलचंद्र पुत्र हेमराज, पप्पू पासी पुत्र बदलू दाताराम पुत्र बालकराम ग्राम महेशापुर थाना भीरा का निवासी होना बताया गया है।
जानकार सूत्रो ने बातया कि पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर उपरोक्त अभियुक्तों को मय तेंदुआ खाल सहित पलियाकलां पर स्टेशन स्थानीय पुलिस के सहयोग से पकड़ा था । यह अभियुक्त भीरा से ट्रेन द्वारा आए थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस तेंदुआ का शिकार किशनपुर वन- पशु विहार से सटे साउथ-खीरी वन प्रभाग की भीरा रेंज के जंगल क्षेत्र से किया गया होगा । इस बात को इससे भी बल मिल रहा है कि विगत दिनों भीरा रेंज क्षेत्र जंगल व ग्रामीण क्षेत्र में तेंदुआ घूमने का ढिंढोंरा वन विभाग के आलाअफसरों ने अखबारों में बयानबाजी करके कई बार पीटा था। इससे शिकारियों को तेंदुआ की लोकेशन आसानी से मिल गई और उसे मौत के घाट उतार दिया।
गौरतलब है कि वन विभाग के आलाअफसर हो या फिर दुधवा नेशनल पार्क के उच्चधिकारी हों, यह स्वयं की पीठ थपथपाने के लिए बाघ, तेंदुआ, बाघिन या शावकों के घूमने की लोकेशन अखबारों में बयानबाजी करके उजागर कर देते हैं। जिसका फायदा शिकारी या वंयजीवों की खालों एवं उनके अंगो का अवैध कारोबार करने वाले तस्कर यंू उठाते है क्योंकि लोकेशन का पता लगाने में उन्हे मशक्कत करनी होती है वह उन्हे आसानी से मिल जाती है । हाल ही में अखबारों में अधिकारियों के छपे बयानों को देखा जाए तो लगभग चार दर्जन शावकों के ऊपर खतरे की तलवार लटकी हुई है।