शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

वनों एवं वन्यजीवों के बारे में दी गई जानकारियां



दुधवा नेशनल पार्क के समीपवर्ती ग्राम भगवंतनगर एवं कोठिया के उच्च प्राथमिक विद्यालय में उतर प्रदेश सहभागी वन प्रबंध एवं निर्धनता उन्नमूलन कार्यक्रम जायका परियोजना वन विभाग के सीईपी कार्यक्रम के अर्न्तगत समाज कल्याण एवं विकास अध्ययन केन्द्र पीलीभीत द्वारा बाल पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें डब्ल्यूडब्लूएफ के सहायक परियोजना अधिकारी राधेश्याम भार्गव ने कहा कि हमारे चारों ओर भी जीवित घटक प्रकृति मौजूद है। जैसे पेड़- पौधे, कीट जीव- जन्तु हवा पानी सभी मिलकर पर्यावरण का निर्माण करते है। पर्यावरण के यह समस्त घटक एक दूसरे से प्रभावित होकर एक सन्तुलन में रहकर परिस्थिति तन्त्र को जन्म देते है। कोठिया जूनियर हाई स्कूल के अध्यापक संदीप अवस्थी ने बताया कि पृथ्वी पर प्रथम जीवन वनस्पति के रूप में आया, वनस्पतियों की असीमित वृद्वि के चलते अनेक जीव- जन्तु अस्तित्व में आए। इसी श्रंृखला में मानव का विकास हुआ मस्तिष्क की विशेषता के कारण कम शक्ति होने के बावजूद समय के साथ मानव ने अनेक जीव जन्तुओं को अपने जीवन में सहायक मानकर पालतू बनाया जो उनके साथ रहने लगे और आबादी से दूर वन व गैर आबाद क्षेत्र में रह गये। जिन्हे वन्यजीवों के रूप में जाने जाते है। वन्यजीयों के बीच बढ़ रहे संघर्ष को रोकने के लिए वन संरक्षण एवं सुरक्षा जरूरी हो गई है उन्होनें बच्चों से पेड़ लगाने की अपील की। इस दौरान संस्था के सह समन्वयक डीपी मिश्रा, अध्यापक शिवशंकर लाल त्रिवेदी, आर्दश अग्निहोत्री, विपिन कुमार, देवेन्द्र सिंह, प्रवीण तिवारी, जगमोहन, मुन्ना कादरी, आदि समेत तमाम अभिभावक मौजूद रहे।


मै बहुत धैर्यवान हूँ, सच बोलना और सुनना पसंद है,