सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

अमर उजाला काम्पेक्ट में छापा लेख 24.10.2011







http://compepaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20111024a_018110007&ileft=304&itop=61&zoomRatio=160&AN=20111024a_018110007

अमर उजाला काम्पेक्ट में छापा लेख 24.10.2011

अमर उजाला काम्पेक्ट में छापा लेख 24.10.2011

रविवार, 16 अक्तूबर 2011

दुधवा में नॅशनल ट्रेनिग प्रोग्राम का हुआ समापन, सीनियर जज ने दिए प्रमाण_पत्र

अहमदाबाद के सीनियर जज ने दिए प्रमाण-पत्र 

दुधवा नेशनल पार्क में एचएनजी गुजरात विश्वविद्यालय पाटन एवं स्मीथ सोनियम इंस्टीट्यूसन अमेरिका द्वारा दुधवा टाइगर रिजर्व के सहयोग से आयोंजित नेशनल टेªनिंग प्रोग्राम के तहत यंग इकोलोजिस्टों को सात दिनी दिए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अहमदाबाद के सीनियर न्यायाधीश ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर उनको उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। प्रशिक्षित प्रतिभागी अपने-अपने राज्यों में बड़े मांसाहारी वयंजीवों के प्रबंधन एवं संरक्षण के कार्य करेंगे।
दुधवा नेशनल पार्क में पूरे देश के चुने हुए बीस इकोलोजिस्टों को नेशनल टेªनिंग प्रोग्राम के तहत सात दिनी प्रशिक्षण दिया गया। जिसके समापन समारोह में मुख्य अतिथि अहमदाबाद के सीनियर जज जयदेव धाधल ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए उनको बधाई दी और कहा कि इन लोगों ने सात दिन दुधवा में रहकर वन एवं वयंजीवों के संरक्षण का जो ज्ञान अर्जित किया है उसके आधार पर जब यह लोग अपने क्षेत्र के वन संरक्षण में कार्य करेंगे तो उसका लाभ वयंजीवों को मिलेगा। विशिष्ट अतिथि दुधवा टाइगर रिजर्व लखीमपुर के फील्ड निदेशक शैलेष प्रसाद ने वयंजीव संरक्षण के दौरान फील्ड में आने वाली तमाम कारगर जानकारियां दी। दिल्ली विश्वविद्यालय के डा0 फैयाज खुदसर ने दुधवा में व्यतीत हुए समय के संस्मरण बताते हुए कहा कि प्रतिभागियों को क्लास रूम, फील्ड वर्क के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है। उसी के आधार पर सभी ने प्रपोजल भी बनाए हैं जिसके आधार पर वह अपने-अपने राज्यों में बड़े मांसाहारी वयंजीवों के प्रबंधन एवं संरक्षण का कार्य करेंगे। इससे पूर्व टेªनिंग में शामिल हुए यंग इकोलोजिस्ट रोहित प्रजापति, दर्शन सुखाडिया, एसएल नियांगथिनाई, धवल मेहता, इलविश आर कोटरा, हार्दिक पटेल, याशमिता एन उल्मन, समीर वी वाजरू, बिबा जासमीन कौर, देवियानी आर सिंह, नीलमनी राभा, मनीशा तोमर, भौमिक जी सोनी, अभिषेक भोसले, नेहा पांडेय, योगेश पांडेय, श्वेता पुरोहित, संदीप प्रजापति, दर्शन पटेल, हरीश एन ने प्रशिक्षण के अनुभव बताते हुए वन एवं वयंजीव प्रबंधन तथा संरक्षण को लेकर बनाए गए अपने-अपने प्रपोजलों को भी बताया जिसके आधार पर वह आगे कार्य करेंगे। नेशनल टेªंिग प्रोग्राम के कोआर्डिनेटर उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय के डा0 निशीथ धारैया ने टेªनिंग के दौरान दुधवा प्रशासन द्वारा दिए गए सहयोग के साथ सभी के प्रति आभार जताया एवं प्रतिभागियों को बधाई दी।  15.10.2011

दुधवा में सात दिन की ट्रेनिग लेकर विदा गुए युवा यूंकॉलोजिस्ट  

युवा यूकोलाजिस्तो ने जंगल के बाहर निकल थारुओं से मिले



दुधवा नेशनल पार्क में यंग इकोलोजिस्टों को दी जा रही वयंजीव टेªनिंग के छठे दिन प्रतिभागियों ने जंगल से निकलकर समीपवर्ती आदिवासी जनजाति थारू क्षेत्र के गांवों का भ्रमण किया। इस दौरान परसिया ग्राम में प्रतिभागियों ने ग्रुप बनाकर अलग-अलग थारू समुदाय से मिलकर वन एवं वयंजीव संरक्षण में उनकी भागीदारी की जानकारी लेने के साथ ही उनके रहन-सहन तथा कृषि कार्यो को उत्सुकता देख आश्चर्य जाहिर किया।






दुधवा नेशनल पार्क में एचएनजी गुजरात विश्वविद्यालय पाटन तथा स्मीश सोनियन इन्स्टीट्यूसन अमेरिका द्वारा दुधवा टाइगर रिजर्व के सहयोग से नेशनल टेªनिंग प्रोग्राम के अंर्तगत यंग इकोलोजिस्टों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके छठे दिन लार्ज कारनिभोर प्रोग्राम के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के वयंजीव विशेषज्ञ डा0 फैयाज खुदसर ने सभी प्रतिभागियों को जंगल के बाहर ले जाकर आदिवासी जनजाति थारू क्षेत्र का भ्रमण कराने के साथ ही गांवों में पहुंचकर थारू समुदाय के लोगों के रहन-सहन दिखाया। इस दौरान थारूओं के घर-आंगन को देखने के साथ ही पूछताछ कर तमाम जानकारियां हासिल की साथ ही ग्रामीण परिवेश की थारू संस्कृति एवं उनकी जीवन शैली को लेकर आश्चर्य भी व्यक्त किया। टेªनिंग कार्यक्रम के तहत परसिया ग्राम पहुंचे प्रतिभागियों ने चार-चार के ग्रुप बनाकर थारूजनों, महिलाओं तथा बच्चों के साथ मिल बैठकर उनसे वन एवं वयंजीव संरक्षण में वह कैसे भागीदारी निभाते हैं इसकी जानकारी हासिल की। डा0 फैयाज खुदसर ने बताया कि नेशनल टेªनिंग प्रोग्राम में पूरे देश से चुने हुए बीस युवा इकोलोजिस्टों को वन एवं वयंजीव संरक्षण, सुरक्षा एवं प्रबंधन आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दुधवा नेशनल पार्क के समीपवर्ती वनवासी समुदाय की इसके संरक्षण में भागीदारी की विस्तृत जानकारी दी गई है।
14.10.2011





























मै बहुत धैर्यवान हूँ, सच बोलना और सुनना पसंद है,

बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

युवा यूकोलोजिस्ट प्रशिक्षण कार्यशाला

दुधवा नेशनल पार्क में एचएनजी गुजरात विश्वविधालय पाटन एवं स्मीथसोनियन इंस्टीटयूशन अमेरिका द्वारा दुधवा टाइगर रिजर्व के सहयोग से नेशनल टे्रनिंग प्रोग्राम फार यंग यूकोलोजिस्ट कार्यशाला को क्लासरूम अध्ययन कराने के साथ ही फील्ड यानी जंगल के भीतर ले जाकर उनको तमाम प्रकार की जानकारियां विशेषज्ञों द्वारा दी गइ।
दुधवा नेशनल पार्क पर्यटन स्थल दुधवा में आयोजित सात दिनी इस कार्यशाला में पूरे भारत से चुने हुए बीस युवा यूकोलोजिस्ट प्रशिक्षण ले रहे हैं। कार्यशाला में दुधवा टाइगर रिजर्व वृत्त लखीमपुर के फील्ड डायरेक्टर शैलेष प्रसाद ने दुधवा की जैव विविधता पर विस्तार से प्रकाश डालकर दुधवा के वयंजीव प्रबंधन की बारीकी से जानकारियां दी। कोर्स के कोर्डिनेटर डा0 नितीश धूरिया ने वन प्रबंधन को बताते हुए उसका प्रोजेक्ट तैयार किए जाने तथा आवश्यक फंड आदि की विस्तार से जानकारी। जबकि मित्र राष्ट्र नेपाल से आए नेचर कंजरवेशन ट्रस्ट के वयंजीव विशेषज्ञ एल बाबूराम ने बाघ सहित अयं मांसाहारी तथा वनस्पति आहारी वयंजीवों की गणना के विषय में पूरी जानकारी दी साथ ही डिस्टेंस सैम्पलिंग विधि भी विस्तार से बतायी। यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क दिल्ली विश्वविधालय के वयंजीव विशेषज्ञ डा0 फैयाज खुदसर ने वनक्षेत्र में पायी जाने वाली वनस्पतियों के अध्ययन एवं उनकी वयंजीवों के लिए उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की। क्लास रूम के बाद सभी प्रशिक्षार्णियों को जंगल भ्रमण कराया गया। इसमें चार ग्रुप बनाकर दुधवा के वफर जोन क्षेत्र में वैज्ञानिक तकनीकी से वनस्पतियों के अध्ययन के तरीके को बताया गया साथ ही डिस्टेंस सैम्पलिंग कैसे की जाए यह भी उनको जानकारी दी गर्इ। इससे पूर्व दुधवा टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक गणेश भटट ने दुधवा की भौगोलिक सिथति एवं यहां पर पाए जाने वाले वयंजीवों तथा वनस्पतियों के सम्बन्ध में बताया। यह कार्यशाला पन्द्रह अक्टूबर तक चलेगी।


दुधवा नेशनल पार्क में नेशनल टे्रनिंग प्रोग्राम फार यंग इकोलाजिस्ट की चल रही सात दिनी टे्रनिंग के दौरान चौथे दिन वयं प्राणी विशेषज्ञों ने प्रशिक्षणर्थियों को रिमोट सेसिंग एवं जीआर्इएस की मदद से मांसाहारी वयंजीवों की मानीटरिंग के विषय में जानकारी दी गर्इ साथ ही शाकाहारी वयंजीवों की गणना विधि को भी बताया गया। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों को व्हीकल ट्रांजेक्ट कार्यक्रम में दुधवा के वफर जोन जंगल का भ्रमण कराकर उनको वयंजीवों से संबंधित बारीकियां समझायी गर्इ। 

दुधवा नेशनल पार्क में दुधवा पर्यटन स्थल के मीटिंग हाल में पूरे देश से चुने गए बीस युवा इकोलोजिस्ट को कंडक्टींग इफेकिटव रिसर्च आन लार्ज कार निमोर इकोलाजी एवं हैवीवेट के संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके तहत चौथे दिन मुम्बर्इ विश्वविधालय की प्रोफेसर श्रुति वरूवे ने लैडस्केप इकोला जी के विषय में तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां विस्तार से दी। नेपाल से आए नेचर कंजरवेशन ट्रस्ट आफ नेपाल के वयंजीव विशेषज्ञ एल बाबूराम ने प्रतिभगियों को रिमोट सेसिंग एवं जीआर्इएस की मदद से मांसाहारी वयंजीवों की मानीटरिंग के विषय में बताया साथ ही उन्होंने गैंडा के संबंध में पूरी जानकारी दी। डा0 निशीप धारिया ने मांसाहारी वयंजीवों के चिन्हों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इन चिन्हों के माध्यम से इनकी संख्या का निर्धारण कैसे किया जा सकता है। इस मध्य प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। 







सोमवार, 10 अक्तूबर 2011

दुधवा में यूकोलोजिस्ट का प्रशिछान प्रोग्राम सात दिन चलेगा




दुधवा में यूकोलोजिस्ट का प्रशिछान प्रोग्राम सात दिन चलेगा 
दुधवा नेशनल पार्क के पर्यटन स्थल के मीटिंग हाल में नेशनल टेªनिंग प्रोग्राम फार यंग यूकोलोजिस्ट कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला 15 अक्टूबर तक चलेगी। इसका उद्घाटन उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय पाटन की कुलपति हिमिक्षा राव ने किया। इसमें पूरे भारत से चुने गए बीस युवा यूकोलोजिस्ट शामिल हुए हैं जिनको भारत एवं नेपाल के वयंजीव विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगें।
दुधवा नेशनल पार्क में हो रही सात दिनी नेशनल टेªनिंग प्रोग्राम फार यंग इकोलोजिस्ट कार्यशाला का आयोजन एचएनजी गुजरात विश्वविद्यालय पाटन, स्मीश सोनिया इंस्टीट्यूशन अमेरिका तथा दुधवा टाइगर रिजर्व के सहयोग से किया गया है। नौ अक्टूबर से पंद्रह अक्टूबर तक चलने वाली इस कार्यशाला का उद्घाटन उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय पाटन की कुलपति हिमिक्षा राव ने फीता काटकर किया। श्रीमती राव ने कहा कि इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है प्रतिभागियों को मांसाहारी वयंजीवों के पर्यावास प्रबंधन के विषय में जानकारी देना है। साथ ही प्रतिभागियों को दुधवा टाइगर रिजर्व के अच्छे प्रबंध के लिए किए गए प्रयोगों के विषय में भी बताया जाएगा। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा0 फैयाज खुदसर ने बताया कि कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को भारत एवं नेपाल के विख्यात वयंजीव विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद पूरे भारत से चयनित होकर आए बीस युवा यूकोलोजिस्टों ने आपस में एक-दूसरे के परिचय का आदान प्रदान किया। लैंड स्केप आर्केटेक्ट मुम्बई की श्रीमती श्रुति ने बताया कि इस प्रोग्राम के दौरान प्रतिभागियों को कंडक्टींग इफेक्टिव रिसर्च आनलार्ज कार निभोर इकोलोजी एवं हैविटैट के संबंध में पूरी जानकारी देकर उनको प्रशिक्षण दिया जाएगा।



शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

मंगलवार, 4 अक्तूबर 2011