सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

अमर उजाला काम्पेक्ट में छापा लेख 24.10.2011







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अमर उजाला काम्पेक्ट में छापा लेख 24.10.2011

2 टिप्‍पणियां:

SUNIL RATHAUR ने कहा…

दोस्तों, "मेरा भारत महान " (एक सच्चाई ......)
एक व्यक्ति एक होटल में आया और ...वेटर से बोला यंहा खाने में क्या-क्या मिलता है ?
वेटर बोला -यह "हिंदुस्तान "है जनाब .......
यहाँ का खाना देख कर तो सारा विश्व हिलता है |इस देश में खाने को बहुत कुछ मिलता है |

... "यहाँ विधवा की धन संपत्ति खायी जाती है ,असहाय तथा गरीबों का हक़ खाया जाता है "|
इन सबकी की तो बात ही क्या है ? मेरे भाई ........
"यहाँ लोग ईमान तक बेच कर खा जाते है ,इस बेईमानी के बाजार में सब कुछ बिकता है |

"यहाँ गुल-गुलशन ,चमन बिकता है ,मजदूरों का मन बिकता है,मुर्दों का कफ़न बिकता है |"
इस बेदर्द ज़माने में दुल्हन के अरमान बिकते है |
यहाँ की बड़ी-बड़ी हस्ती मारा-मरी,चोर-बाजारी करके भरती है अपना पेट..............
$ इतना सब कुछ होने के बाद भी यहाँ के नेता कहते है "मेरा देश महान".....

D.P. Mishra ने कहा…

bahut sahe bat kahe hai aapne mai sahamat hu