रविवार, 16 अक्तूबर 2011

युवा यूकोलाजिस्तो ने जंगल के बाहर निकल थारुओं से मिले



दुधवा नेशनल पार्क में यंग इकोलोजिस्टों को दी जा रही वयंजीव टेªनिंग के छठे दिन प्रतिभागियों ने जंगल से निकलकर समीपवर्ती आदिवासी जनजाति थारू क्षेत्र के गांवों का भ्रमण किया। इस दौरान परसिया ग्राम में प्रतिभागियों ने ग्रुप बनाकर अलग-अलग थारू समुदाय से मिलकर वन एवं वयंजीव संरक्षण में उनकी भागीदारी की जानकारी लेने के साथ ही उनके रहन-सहन तथा कृषि कार्यो को उत्सुकता देख आश्चर्य जाहिर किया।






दुधवा नेशनल पार्क में एचएनजी गुजरात विश्वविद्यालय पाटन तथा स्मीश सोनियन इन्स्टीट्यूसन अमेरिका द्वारा दुधवा टाइगर रिजर्व के सहयोग से नेशनल टेªनिंग प्रोग्राम के अंर्तगत यंग इकोलोजिस्टों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके छठे दिन लार्ज कारनिभोर प्रोग्राम के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के वयंजीव विशेषज्ञ डा0 फैयाज खुदसर ने सभी प्रतिभागियों को जंगल के बाहर ले जाकर आदिवासी जनजाति थारू क्षेत्र का भ्रमण कराने के साथ ही गांवों में पहुंचकर थारू समुदाय के लोगों के रहन-सहन दिखाया। इस दौरान थारूओं के घर-आंगन को देखने के साथ ही पूछताछ कर तमाम जानकारियां हासिल की साथ ही ग्रामीण परिवेश की थारू संस्कृति एवं उनकी जीवन शैली को लेकर आश्चर्य भी व्यक्त किया। टेªनिंग कार्यक्रम के तहत परसिया ग्राम पहुंचे प्रतिभागियों ने चार-चार के ग्रुप बनाकर थारूजनों, महिलाओं तथा बच्चों के साथ मिल बैठकर उनसे वन एवं वयंजीव संरक्षण में वह कैसे भागीदारी निभाते हैं इसकी जानकारी हासिल की। डा0 फैयाज खुदसर ने बताया कि नेशनल टेªनिंग प्रोग्राम में पूरे देश से चुने हुए बीस युवा इकोलोजिस्टों को वन एवं वयंजीव संरक्षण, सुरक्षा एवं प्रबंधन आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दुधवा नेशनल पार्क के समीपवर्ती वनवासी समुदाय की इसके संरक्षण में भागीदारी की विस्तृत जानकारी दी गई है।
14.10.2011





























मै बहुत धैर्यवान हूँ, सच बोलना और सुनना पसंद है,

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