शुक्रवार, 30 जनवरी 2009

पिछले पाँच वर्षों में 400 से अधिक बाघ लापता हो चुके
भारत में बाघों की संख्या आधी हुई
भारत सरकार ने बाघों की ताज़ा आंकड़े जारी किए हैं जिनके अनुसार बाघों की संख्या आधी हो गई है.

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण ऑथारिटी के सचिव राजेश गोपाल ने बताया,'' सन् 2002 के सर्वेक्षण में बाघों की संख्या 3500 आंकी गई थी लेकिन ताज़ा सर्वेक्षण के अनुसार भारत में 1411 बाघ बचे हैं.''

हालांकि सरकार का कहना है कि पिछले आंकड़े सही नहीं थे.

राजेश गोपाल का कहना था कि इस बार बाघों की संख्या के लिए नया तरीका अपनाया गया. पिछली बार पैरों के निशान के आधार पर इनकी संख्या का निर्धारण किया गया था जिसमें चूक की गुजांइश थी.

उनका कहना था,'' अब बाघ केवल देश के 17 राज्यों में पाए जाते हैं और वे केवल बाघ संरक्षित क्षेत्रों में ही पाए जाते हैं.''

घटती संख्या पर चिंता

मध्य प्रदेश में इनकी संख्या सबसे अधिक 300 है. उत्तराखंड में 178, उत्तर प्रदेश में 109 और बिहार में 10 बाघ होने का अनुमान हैं.

इसी तरह आंध्र प्रदेश में 95, छत्तीसगढ़ में 26, महाराष्ट्र में 103, उड़ीसा में 45 और राजस्थान में 32 बाघ होने का आकलन किया गया है.

इसके पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बाघों की कम होती संख्या पर चिंता प्रकट की थी और कहा था कि कि जंगलों पर जनसंख्या का दबाव कम करने के प्रयास किए जाएँ.

इसके बाद बाघों की रक्षा के लिए भारत सरकार ने एक कार्यदल का गठन किया था और पर्यावरणविद् सुनीता नारायण को उसका प्रमुख बनाया गया था.

अवैध शिकार और घटते जंगलों को इसका सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में संरक्षण के उपायों के बावजूद बाघों की संख्या लगातार घट रही है.

माना जा रहा है कि

उल्लेखनीय है कि विश्व के 40 प्रतिशत बाघ भारत में रहते हैं.
...........D.P.MISHRA

1 टिप्पणी:

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

Respected Mishr ji,
sabse pahle mere blog par ane ke liye dhanyavad sveekaren.
apne baghon ke bare men jo jankaryan dee hain kafee mahatv poorna hain.