सोमवार, 2 मार्च 2009

लखीमपुर में पकडा गया बाघ क्या आतंकी ही है ????

बेहोश बाघ का निरीछण करते डा तालुकेदार
लखीमपुर खीरी की साउथ फारेस्ट डिविजन की भीरा रेंज में पिछले दो माह से आतंक का पर्याय बन चुके बाघ को 01.03.2009 की शाम को टैंकुलाईजर करके पिंजडे में कैद कर लिया गाया है. इस बाघ को चार मानव हत्ताये करने के जुर्म में मुख्य वन सरछक वन्यजीव वीके पट्नायक द्वारा मौत की सजा दी गई थी. इसके तहत चलाए गए मिशन टाइगर के तहत आज सुबह जब बाघ ने एक पड्डे का शिकार करके खाया ओर चला गाया इसके बाद की गई नाकाबंदी का परिनाम यह निकाला कि शाम को वह जब दूसरी बार मांस खाने आया तो पहले से घात लगाकर बैठे ड्ब्ल्यूटीआई के एक्सपर्ट डा अनाज्न तालुकेदार ने उसे टैंकुलाईजर गान से बेहोश कर दिया. इससे बाघ को मिलीं मौत की सजा उम्रकैद में बदल गई है. इस सफलता पर वन्यजीव प्रेमियों ने खुशी का इज़हार किया है। जबकि ग्रामीणों ने भी राहत की साँस ली है.
लेकिन क्या यह वही बाघ पकड़ा गया है । इस लोग संदेह ब्यक्त कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि आतंकी हमलावर बाघ इससे कद्दावर था यह तो उसके सामने बच्चा लग रहा है । विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस मामले की जांच होने के बाद ही सही सिथति का पता लग पाएगा .

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