शनिवार, 9 जनवरी 2010

खीरी में बाघ मारा गया

                दुधवा नेशनल पार्क की सीमा से सटे नार्थ खीरी फारेस्ट डिवीजन की पलिया रेंज के तहत पांच जनवरी को  परसपुर वन चौकी से २०० मीटर दूर ८-९ साल के बाघ का शव पाया गया. अनुमान है कि शिकारियों ने इस बाघ को बिजली के तारों में फाँस कर मारा होगा, वन विभाग ने इस घटना को छिपाने का भरसक प्रयास किया शायद इसी लिए रात २.०० बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए आई.वी.आर.आई बरेली को भेज दिया.येसी क्या जरूरत थी कि शव को रात में ही भेजना जरूरी था ? विभागीय अफसर अब यह कहकर अपनी नाकामी छिपा रहें हैं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता लग पाएगा.  इससे पूर्व भी विगत साल इसी छेत्र में एक बाघ का शव पाया गया था. इस जंगलात में बाघों की चहलकदमी होती रही है इसके बाद भी इनकी सुरछा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए ?  इससे लगता है कि वन महकमा बाघों की सुरछा में लगातार लापरवाही बरत रहा है. 
वन विभाग द्वारा इसी तरह बाघों की सुरछा में लापरवाही एवं उदासीनता बरती जाती रही तो खीरी के जंगलों से बाघ गायब हो जाएँगे. विभाग के आलाफसरों की जवाबदेही तय करके उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए .ताकि आने वाले दिनों में यहाँ के बाघों का भविष्य सुरछित रह सके.


1 टिप्पणी:

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

यह सच है कि यदि अधिकारी चाहें,
तो इस तरह की घटनाएँ नहीं हो सकतीं!

बाघ को समर्पित कविता : प्यार बढ़ता ही रहेगा ...
संपादक : "सरस पायस"