सोमवार, 24 अगस्त 2009

पन्ना टाइगर रिजर्व हुआ बाघविहीन

देश के शीर्ष वन्यजीव विशेषज्ञों ने पन्ना टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं होने की आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि यह देश का दूसरा "सरिस्का" बन चुका है। इससे टाइगर स्टेट के नाम से मशहूर मध्यप्रदेश को करारा झटका लगा है।देश-विदेश में बाघों के लिए प्रसिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या की जाँच-प़ड़ताल के लिए केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई केंद्रीय जाँच कमेटी के प्रमुख पीके सेन ने शुक्रवार को पन्ना टाइगर रिजर्व के मंडला स्थित विश्रामगृह में पत्रकारों को यह जानकारी दी। श्री सेन ने दुःख जताते हुए कहा कि पन्ना में अब एक भी बाघ नहीं बचा है। उल्लेखनीय है कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में 2004 में बाघों का पूरी तरह सफाया हो गया था और यह एक राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बना था।श्री सेन ने बताया कि संपूर्ण रिपोर्ट मई अंत तक केंद्र सरकार को सौंप दी जाएगी। उन्होंने आश्चर्य जताया कि यहाँ के वरिष्ठ अधिकारी बाघों के होने की बात कह रहे थे और इसी आधार पर हाल में बाघ और बाघिनों के बीच संतुलन बनाने के उद्देश्य से दो बाघिनों को क्रमशः कान्हा और बाँधवग़ढ़ से लाया गया। अब इन बाघिनों को बाघ नहीं मिल रहे हैं। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार अधिकारी दो वर्ष पहले तक पन्ना में 30 से 35 बाघों के होने की बात कह रहे थे। लेकिन श्री सेन ने कहा कि पन्ना टाइगर रिजर्व जनवरी 2009 से बाघविहीन है।

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