इन दुर्लभ पक्षियों के जमावड़े व अठखेलियों से पार्क की खूबसूरती में चार चाँद लग जाते हैं। पार्क के सुंदर नजारे व विविध प्रकार के पक्षियों को निहारने के लिए यहाँ कई सारे वॉच टावर बनाए गए हैं, जहाँ से आप पार्क की खूबसूरती व इन पक्षियों के कार्यकलापों को करीब से देखने व जानने का लुत्फ उठा सकते हैं। सुल्तानपुर बर्ड वॉचिंग प्लेस के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ आप झील के निर्मल जल में तैरते, इधर-उधर फुदकते, आसमान में उड़ान भरते पक्षियों को बहुत करीब से देख सकते हैं। पक्षियों की सुरक्षा व स्वच्छंदता में कोई खलल न हो इसलिए यहाँ की झीलों में नौकायन की मनाही है। यहाँ आपको किंगफिशर, ग्रे पेलिकेन्स, कार्मोरेंटस, स्पूनबिल्स, पोंड हेरोंस, व्हाइट इबिस आदि पक्षी भी देखने को मिल जाएँगे। इसके अलावा नीलगाय भी यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यदि आप भी सुल्तानपुर नेशनल पार्क की सैर करना चाहते हैं तो आप दिसम्बर से जनवरी माह के बीच का समय यहाँ आने का बेहतर समय है क्योंकि इस वक्त यहाँ दुर्लभ प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगता है, जो कई मीलों की दूरी तय करके यहाँ आते हैं। सुल्तानपुर क्यों है खास :- * कई प्रकार के दुर्लभ पक्षियों की उपलब्धता। * प्राकृतिक सुंदरता से आच्छादित स्थल। * एक अच्छा पिकनिक स्पॉट। * हरियाणा टूरिज्म के बेहतर होटल उपलब्ध। * वॉच टॉवर से पक्षियों को करीब से देखने का मजा। * एक छोटा म्यूजियम व लाइब्रेरी।
स्रष्टि कंजर्वेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी [पंजीकृत] वन एवं वन्यजीवों की सहायता में समर्पित Srshti Conservation and Welfare Society [Register] Dedicated to help and assistance of forest and wildlife
सोमवार, 24 अगस्त 2009
पक्षियों की आरामगाह - सुल्तानपुर नेशनल पार्क
सुल्तानपुर नेशनल पार्क वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर्स, पक्षी प्रेमियों तथा प्रकृतिप्रेमियों के लिए एक बेहतर स्थान है। हालाँकि दूसरी बर्ड सेन्च्यूरियों की तुलना में यह अपेक्षाकृत छोटा है परंतु फिर भी अब तक इसकी प्राकृतिक सुंदरता को बहुत ही अच्छे ढ़ंग से सहेजा गया है। सुल्तानपुर नेशनल पार्क दिल्ली से 45 किमी दक्षिण-पश्चिम में तथा गुड़गाँव से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। अनेकानेक प्रकार के पक्षी, घने पेड़ों व झीलों से सुशोभित यह नेशनल पार्क 'हरियाली के स्वर्ग' के समान है। यहाँ आकर आपके मन को एक सुकून का अनुभव होता है। सुल्तानपुर को सन् 1972 में 'वाटर बर्ड रिर्जव' के रूप में घोषित किया गया।यहाँ पर बहुत सारी छोटी-छोटी झाडि़याँ, घास का मैदान और बहुत अधिक संख्या में बोगनवेलिया के पौधे हैं। ये सभी हमें यहाँ प्रकृति की गोद में कुछ समय बिताने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह नेशनल पार्क प्रवासी पक्षियों की आरामगाह के रूप में जाना जाता है। सितम्बर माह से यहाँ तरह-तरह के प्रवासी पक्षियों का आगमन प्रारंभ हो जाता है।
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